बासुरी की पीड़ा भाग_1
#बासुरी_की_पीड़ा_भाग_1
भूख और पीड़ा के,राग गाती बासुरी।
तुम सुने गीत बस, पीर गाती बासुरी।
एक दर्द खमोशी का, खालीपन में भरा,
सांस से छूई जो सांस,गीत नया जग पड़ा
हर नई वेदना का, सार गाती बासुरी,
तुम सुने जहाँ,उस पार गाती बासुरी।
चूम कर अधर भी, पीर न समझ सका।
अंगुलियों की छुवन,गीत न समझ सका।
भर के आह कण्ठ में प्रीत गाती बासुरी।
मन की हार और नई जीत गाती बासुरी।
कुमार आनन्द
@kumarvis
Aliya khan
31-Oct-2022 08:16 AM
Wah bahut khoob
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